जिस व्यक्ति को असफलता का डर होता है, उसमें यह मानसिक लक्षण दिख सकते हैं। जैसे-
डर से भागने की कोशिश करना
चिंता करते रहना
डर के आगे कमजोर महसूस होना
स्थिति पर नियंत्रण खो देना
मरने का डर लगना
डिप्रेशन में चले जाना
खुद से दूर हो जाना
जरूरी नहीं कि असफलता का डर होने पर आपको इन्हीं लक्षण का सामना करना पड़े। यह भी हो सकता है कि आपको इनमें से किसी भी लक्षण का सामना न होकर किसी अन्य लक्षण का सामना करना पड़े। इसके अलावा, आपको उपर्युक्त संकेतों में से एक से ज्यादा संकेतों का सामना करना पड़े। आपको बता दें कि, यह संकेत किसी और वजह से भी हो सकते हैं। अगर आपमें इनमें से कोई भी संकेत दिखता है, तो डॉक्टर के पास जाकर संपर्क करें और उचित जानकारी प्राप्त करें।
असफलता का डर क्यों होता है?
असफलता का डर होने के पीछे कई मानसिक और सामाजिक कारण हो सकते हैं। आइए, इन कारणों के बारे में बात करते हैं।
बचपन में असफलत का डर
कई बार असफलता का डर हमें बचपन की वजह से होता है। कुछ बच्चों को बचपन में ही सफल होने या अच्छे मार्क्स लाने के लिए इतना प्रेशर डाला जाता है और सजा का डर दिया जाता है कि, उन्हें यह डर बड़े होकर भी उनके मन में बसा रहता है और उनके दिमाग का विकास उसी तरह होता है। वह बड़े होकर भी असफलता मिलने पर होने वाले नुकसान के बारे में ज्यादा चिंता करते हैं।
परफेक्शन की वजह से असफलता का डर
कुछ लोग कई चीजों में परफेक्ट होते हैं और एक समय के बाद वह परफेक्ट ही रहना चाहते हैं। लेकिन, यह परफेक्शन उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बनाता है और असफलता का डर का शिकार बना देता है। उन्हें लगता है कि अब अगर किसी काम को करने पर मुझे असफलता प्राप्त होती है, तो समाज में जो मेरी परफेक्शन वाली छवि बन गई है, वो खत्म हो जाएगी और वह इसी छवि को बनाए रखने के प्रेशर में उन्हें असफलता का डर लगने लगता है।
अहंकार की वजह से असफलता का डर
कुछ लोगों में अहंकार सभी चीजों का नाश कर देता है, जैसे- उनकी खुशी, सम्मान, दोस्ती, रिश्ते और भविष्य। इसी अहंकार के साथ उन्हें असफलता का डर से सामना करना होता है। अहंकार की वजह से वह किसी से या किसी भी चीज में हारना नहीं चाहते हैं। वह भूल जाते हैं कि सफलता और असफलता कोशिश करने के दो नतीजे हैं, जो कि बराबर चलते हैं और अस्थाई होते हैं। इसी वजह से वह कुछ भी नया करने से पहले बहुत चिंता लेते हैं।
अति आत्मविश्वास या आत्म विश्वास की कमी के कारण असफलता का डर
कुछ लोगों में अति आत्मविश्वास होता है, जिसे ओवर कॉन्फिडेंस कहते हैं और इसकी वजह से उन्हें लगता है कि उन्हें सिर्फ सफलता प्राप्त होनी चाहिए। लेकिन, जब स्थिति उनके हाथ से निकलने लगती है या उनका डाउन टाइम आता है, तो उन्हें असफलता का डर लगने लगता है। इसी तरह कुछ लोगों का आत्मविश्वास बहुत कम होता है और उन्हें लगता है कि वह किसी भी चीज में असफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं और एक और चीज में असफलता पाने के बाद वह समाज में और भी बदनाम हो जाएंगे।
असफलता का डर दूर करने के तरीके
असफलता का डर दूर करने के लिए आप कुछ टिप्स या तरीकों की मदद ले सकते हैं। जिससे आपको इस डर को भगाने में थोड़ी मदद मिलेगी और आप भी अपने जीवन में कुछ नया करने की कोशिश करेंगे और सफलता प्राप्त करेंगे।
असफलता का डर भगाने के लिए आप सबसे पहले किसी मनोचिकित्सक की मदद ले सकते हैं। मनोचिकित्सक आपके इस डर के पीछे के कारणों को जानकर उससे उबरने या उसके समाधान में आपकी मदद कर सकता है।
असफलता के डर से होने वाली चिंता और डिप्रेशन को ठीक करने के लिए आप कुछ दवाइयों की मदद भी ले सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको किसी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
अपनी लाइफस्टाइल में योगा, एक्सरसाइज और ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से आप असफलता के डर के कारण होने वाले मानसिक समस्याओं से राहत पा सकते हैं। योगा, एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में ब्लड फ्लो सुधरता है, जिससे दिमाग की सेल्स को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त होता है और आपका मूड खुशनुमा रहता है।